व्यास: 2 मिमी → एक अल्ट्रा-छोटे व्यास ड्रिल माना जाता है।
प्रकार: आंतरिक शीतल द्रव ड्रिल → ड्रिल के अंदर शीतल द्रव चैनलों ने काटने के द्रव को सीधे नोक तक पहुंचाया।
बांसुरी की लंबाई: 120 मिमी → प्रभावी काटने की लंबाई, और गहराई जो ड्रिल की जा सकती है।
लंबाई से व्यास अनुपात (एल/डी): 120 ÷ 2 =60D
→ यह एकअति-गहन ड्रिल, गहराई से व्यास अनुपात 60 के साथः1, जो मशीन के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण है।
आंतरिक शीतलक डिजाइन: काटने वाले क्षेत्र में गर्मी को कम करता है, चिप निकासी में सुधार करता है, और टूटने से रोकता है।
छोटा व्यास: सटीक माइक्रो-होल मशीनिंग के लिए उपयुक्त है।
अति-लंबी बांसुरी: गहरे छेद के संचालन के लिए उच्च कठोरता वाली मशीन और स्थिर क्लैंपिंग की आवश्यकता होती है।
औजार सामग्रीआम तौर परवोल्फ्रेम कार्बाइड (कठिन मिश्र धातु), अक्सर बेहतर पहनने के प्रतिरोध और उपकरण जीवन के लिए TiAlN या AlTiN के साथ लेपित।
एयरोस्पेस: ईंधन नोजल, शीतलन छेद
चिकित्सा उपकरण: सर्जिकल उपकरणों में माइक्रो-छेद
मोल्ड बनाना: पिनहोल्स, गाइडहोल्स
परिशुद्धता घटक: हाइड्रोलिक वाल्व निकाय, इंजेक्शन छेद, स्प्रे नोजल
सारांश:
ए2 मिमी व्यास, 120 मिमी फ्लोट आंतरिक शीतल द्रव ड्रिलहै60D गहराई-व्यास अनुपात के साथ अल्ट्रा-गहरे माइक्रो ड्रिल, उच्च परिशुद्धता वाले गहरे छेद मशीनिंग के लिए उपयुक्त है। इसके लिए उच्च मशीन सटीकता, उचित शीतलक वितरण और सावधानीपूर्वक संचालन की आवश्यकता होती है।